कोविड-19 से लड़ रहे रोगियों के लिए आईएल-6 एंटीबॉडी टोसिलिज़ुमाब होगा गेमचेंजर

 श्री अरबिंदो इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस कॉलेज, कोरोना रोगियों के लिए कुल 1,156 बेड का इंतजाम करने वाला इंदौर का पहला प्राइवेट कॉलेज है। अस्पतालों में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है। अस्पताल के सर्जन और चेयरमैन डॉ. विनोद भंडारी ने कहा कि हम भारत में सबसे ज्यादा संख्या में कोविड-19 मरीजों को संभाल रहे हैं। चेस्ट विशेषज्ञ डॉ. रवि डोसी 100 डॉक्टरों की टीम और लगभग इतने ही नर्सिंग स्टाफ के साथ मिलकर तीन अलग-अलग शिफ्ट में कुल 144 कोविड-19 रोगियों का इलाज कर रहे हैं। 30 से ज्यादा मरीज ठीक होकर घर भी जा चुके हैं।
36 घंटे में मरीज की स्थिति में होने लगा सुधार 
डॉ. डोसी के मुताबिक हमने 42 वर्षीय कोरोना पॉजिटिव एक मरीज के इलाज में 4 दिन तक इम्यूनिटी बूस्टर और कोविड-19 प्रोटोकॉल पर आधारित आईवी एंटीबायोटिक्स की मदद से बेहतर शुरुवात की। हम साइटोकिंस स्टॉर्म की स्थापना कर सकते हैं। इसे कोविड-19 रोग में पैथोफिज़ियोलॉजी का एक हिस्सा माना गया है। इस बात को गहराई से जानने और अधिक विकल्पों का पता लगाने के लिए, नई दिल्ली के डॉ. वेद प्रकाश चतुर्वेदी और अमृता इंस्टिट्यूट के डॉ. जोसेफ के साथ बात कर आईएल-6 एंटीबॉडी टोसिलिज़ुमाब की शुरुआत की। 36 घंटे के भीतर ही ऑक्सीजन में कमी होने के साथ मरीज में बेहतर सुधार दिखाई दिया, हालांकि मरीज अभी भी विशेष देखभाल में रखा गया है। मध्य भारत में इस एंटीबॉडी का यह उपयोग पहली बार किया गया। हमें उम्मीद है कि यह एंटीबॉडी कोविद-19 से संक्रमित रोगियों के लिए एक अच्छा इलाज और आशा की एक नई किरण प्रदान करेगा।